फरीदाबाद। दिल्ली से सटे ग्रेटर फरीदाबाद के ददसिया गांव स्थित राजकीय मॉडल संस्कृत मिडिल स्कूल में गुस्साए अभिभावकों ने स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। मिडिल स्कूल में शिक्षक ना होने के चलते लोगों का गुस्सा फुट पड़ा और छात्रों ने भी स्कूल के बाहर एकत्रित होकर शिक्षा विभाग की कार्यशैली को लेकर नारेबाजी की। अभिभावकों और छात्रों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। अभिभावकों का कहना है कि सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है। उन्होंने कहा हम बच्चों के भविष्य और विकास के लिए पड़ा रहे है। यमुना किनारे बसे ददसिया गांव के सरकारी स्कूल की प्राईमरी विंग में 251 और मिडिल स्कूल में 100 विद्यार्थी पढते हैं। मिडिल स्कूल में पढऩे वाले कुल छात्रो की संख्या 351 है। प्राइमरी में 6 टीचर्स है और मिडिल में एक भी टीचर नही है। इस स्कूल में आसपास के करीब 6 गांव के बच्चे पढऩे के लिए आते है लेकिन स्कूल में विगत आठ दिनों से टीचर ही नहीं है। जब स्कूल में टीचर ही नहीं होगा तो बच्चो का विकास कैसे होगा और कैसे उनका भविष्य उज्जवल होगा। अभिभावकों का कहना है कि सरकार ने ऐसी नीति बना दी है कि टीचर्स को ऑनलाइन ट्रांसफर की सुविधा दे दी जिसकी वजह से शिक्षक अपनी मन पसंद जगह पर जा कर बैठ गए है और सरकारी स्कूल खाली हो गए है। जिनके पास सिफारिशें है वे उस स्कूल में जाकर बैठ गए जहां बच्चे ही नहीं है और जहां बच्चे है वहां मास्टर नहीं है। लोगों का आरोप है कि सरकार ने सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत कर रखी है।
ग्रामीण पूर्व पंचायत सदस्य प्रह्लाद त्यागी, राम गोपाल त्यागी, मोनू शर्मा, परविन्दर लीलू, अजय गोयल, प्रमोद गोयल, विजय कुमार, सुशील, नीरज त्यागी, अनिल त्यागी, इमरान, सीमा, रीना, मजहबी, शकीला, महेंद्र मास्टर, ननुआ, नीलम, अनन्या, धर्मवीर शर्मा, जीत, जोगिंदर, शकीला, संतोष, अकलीम अहमद, विशाल, मनीष, प्रवीण, प्रिन्स, नरेश, दीपक, नीटू सहित सैकड़ो विद्यार्थी मौजूद रहे।