दिल्ली। दिल्ली के गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) के एक सहायक प्रोफेसर को कथित तौर पर फोन कर खुद को दिल्ली का उपराज्यपाल वीके सक्सेना बताने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस बात की पुष्टि अधिकारियों ने बुधवार को की। अधिकारियों ने बताया कि सितंबर 2022 में फोन कर खुद को उपराज्यपाल बताने के आरोप में रोहित सिंह को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह ब्रिटेन से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर उतरा।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रोहित सिंह ने आईपी विश्वविद्यालय के कुलपति को उपराज्यपाल बनकर दो बार फोन किया था. उन्होंने बताया कि सिंह ने पहली बार फोन करके अपनी छुट्टी मंजूर करवा ली थी. दूसरी बार 30 सितंबर, 2022 को उसने जीजीएसआईपीयू के अंग्रेजी विभाग में संकाय के रूप में अपनी बहन को नियुक्त करने का प्रयास किया था. सिंह की ओर से दूसरी बार विश्वविद्यालय को किए गए फोन के बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फोन कॉल की सत्यता का पता लगाने के लिए कुलपति ने उपराज्यपाल के सचिवालय से संपर्क किया, जिसने इस तरह के किसी भी फोन कॉल से इनकार किया और पुलिस को मामले की सूचना देने के लिए कहा। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर रोहित सिंह ने उपराज्यपाल बनकर अपनी बहन मानवी सिंह की विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में नियुक्ति के लिए फोन किया था। कुलपति के लैंडलाइन नंबर के कॉल विवरण से पता चला कि फोन ब्रिटेन के नंबर से किया गया था। उन्होंने बताया कि सिंह ने 27 सितंबर को ब्रिटेन में कुछ अकादमिक कार्यों को आगे बढ़ाने कर रोहित सिंह ने भारत छोड़ दिया था. अधिकारी ने बताया कि जांच में सिंह का नाम सामने आने के बाद उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया. इस मामले में पुलिस ने रोहित सिंह के पिता और बहन पर भी आपराधिक साजिश और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
एलजी का सख्त आदेश
इस मामले को दिल्ली एलजी कार्यालय ने बेहद गंभीरता से लिया था. साथ ही इस बात पर जोर दिया था कि अनुचित लाभ पहुंचाने, पक्षपात या अनैतिक व्यवहार के लिए किसी को फोन करने या ऐसे किसी अनुरोध को स्वीकार करना उनके काम करने का तरीका नहीं है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सभी संबंधितों को आगाह किया है कि ऐसे किसी कॉल या संदेश की जांच वे उनके सचिवालय से सख्ती के साथ करें जिनमें उनके नाम का उपयोग किया जा रहा है।