फरीदाबाद। हरियाणा सरकार के दमनात्मक कदमों के खिलाफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने उपायुक्त कार्यालय पर किया प्रदर्शन। आज का प्रदर्शन हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ (संबंधित सर्व कर्मचारी संघ एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के जिला प्रधान भीम सिंह की अध्यक्षता में हुआ। जिला प्रधान भीम सिंह ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा के निजीकरण करने वाली नीति चिराग योजना के खिलाफ चल रहे आंदोलन को सरकार दमनकारी नीति से कुचलना चाहती है। इसलिए पहले तो कैथल के शिक्षक सुरेश द्रविड़ पर संगीन धाराओं में मुकदमा लगाया और अब 14 नवंबर को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य प्रेस सचिव सतवीर गोयल का निलंबन किया गया। इससे ऐसा लगता है कि सरकार शिक्षा को आम जनता से दूर करना चाहती है। वह शिक्षा को पैसों वालों के लिए आरक्षित करना चाहती है। देश प्रदेश के विकास के लिए शिक्षा सभी के लिए जरूरी है। यह सरकार की जिम्मेदारी है, उसे यह पूरी करनी ही होगी । 6 से 14 उम्र के बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का कानून होने के पश्चात भी हरियाणा सरकार मॉडल संस्कृति स्कूलों में फीस ले रही है। इस तरह कानून का उल्लंघन स्वयं सरकारी कर रही है। इस प्रदर्शन के माध्यम से हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सरकार से यह मांग करता है कि उपरोक्त दोनों साथियों के मुकदमे वापस लिए जाएं और दोनों के ही निलंबन को समाप्त किया जाए। राज्य सचिव रेखा रानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इन दमनकारी नीतियों से चिराग योजना के खिलाफ चल रहे आंदोलन को दवा नहीं पाएगी। इसलिए बेहतर यही रहेगा कि हरियाणा सरकार चिराग योजना को वापस ले और जन शिक्षा की बेहतरी के लिए काम करे। इसके अतिरिक्त जिला सचिव वीरेंद्र सिंह, जिला कोषाध्यक्ष अमित सिंह, खंड़ प्रधान उपकार फोगाट, खंड़ प्रधान सतीश अधाना, खंड सचिव योगेश कुमार, खंड कोषाध्यक्ष उमेश कुमार, रविंद्र कुमार आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।