फरीदाबाद। नगर निगम मुख्यालय पर सफाई कर्मचारियों ने भोजन अवकाश के समय नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान गुरचरण खांडिया की अध्यक्षता में जनरल मीटिंग की तथा जुलूस बनाकर प्रदर्शन करते हुए स्थापना शाखा, लेखा शाखा दिलराज के समक्ष जमकर नारेबाजी करते हुए निगम प्रशासन सरकार के पत्र के अनुसार सीवर मेन व सफाई कर्मचारियों को नियमित भर्ती के माध्यम से नियमित करने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने या उनके वेतन में पक्के कर्मचारियों के बराबर बढ़ोतरी करने, एलटीसी देने, तेल साबुन देने, प्रथम द्वितीय व तृतीय एसीपी स्केल व पदोन्नति करने, पहचान पत्र बनाने, नियमित, अनियमित कर्मचारियों के रिकॉर्ड में उनकी आयु प्रमाण पत्रों व स्कूल प्रमाण पत्रों के आधार पर आयु तय करने की मांग की। मीटिंग का संचालन सफाई कर्मचारी यूनियन के सचिव कृष्ण चिंडालिया ने किया। इस अवसर पर नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री व उप प्रधान कमला राज्य सचिव अनूप चिंडालिया, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला वरिष्ठ उप प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के सफाई कर्मचारियों के साथ भेदभाव एवं उनको बांटने के ओछे हथकंडे अपना रही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट सेशन में पालिका कर्मचारियों को 1000 स्वच्छता भत्ता देने का ऐलान किया लेकिन अन्य सफाई कर्मचारियों को छोड़ दिया लेकिन पालिका कर्मचारियों को भी आज तक यह लाभ नहीं दिया गया। सरकार की नीतियों से आहत प्रदेश के पालिका परिषद निगमो के 40 हजार सफाई कर्मचारियों ने अक्टूबर माह में 11 दिन की हड़ताल की थी। जिसके बाद सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत कर उनकी दर्जनों मांगों पर सहमति जताई थी लेकिन सरकार अब बातचीत में मानी गई मांगों को लागू करने में टालमटोल की नीति अपना रही है। इसलिए संघ ने सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लेते हुए 27 मार्च से 4 अप्रैल तक प्रदेश के सभी पालिका, परिषद और निगमों में क्रमिक भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है। आंदोलन की तैयारियों के संदर्भ में ही आज नगर निगम के कर्मचारियों की आमसभा आयोजित की गई।
श्री शास्त्री ने निगम प्रशासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने सरकार द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले लाभ नही दिए जा रहे है इसलिए नगर निगम के कर्मचारियों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।