फरीदाबाद। एनआईटी फरीदाबाद विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि नगर निगम फरीदाबाद में बिना काम के 200 करोड रुपए घोटाले का मामला उनके द्वारा मार्च 2022 में विधानसभा सत्र में उठाया था जब सदन में मंत्री जी द्वारा सही जवाब नहीं दिया गया तो उनके द्वारा प्रण लिया गया था कि जब तक भ्रष्टाचारियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक सिले हुए वस्त्र एवं पैरों में जूते चप्पल धारण नहीं करेंगे।
विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि 54 दिन के त्याग उपरांत भी आज 1 साल बीतने को है लेकिन सरकार द्वारा 200 करोड़ बिना काम के भुगतान के मामले में 1 रूपए की रिकवरी तक नहीं की गई। विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि जब 200 करोड़ घोटाले का मामला जनता की नजरों में आ गया था प्रशासन की नजरों में था उसके बावजूद एक ही दिन में 31 करोड़ की पेमेंट सतबीर ठेकेदार को कर दी गई और जब घोटाले की जांच का विषय आया तो इस 31 करोड रुपए की पेमेंट को जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया।
विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि 31 करोड रूपए की पेमेंट 4 अगस्त 2020 को एक ही दिन में की गई और उसके 12 दिन उपरांत 16 अगस्त 2020 को नगर निगम के रिकॉर्ड रूम में आग लग गई लेकिन इस को जांच में शामिल नहीं किया गया सरकार सिर्फ चिट्टी चिट्टी खेलती रही और अधिकारियों ने मिलीभगत करके जांच की अनुमति दी गई जांच की अनुमति दी गई वृत्ति वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 की थी जबकि यह पेमेंट उसके बाद की गई थी इसकी अनुमति सरकार ने नहीं दी क्योंकि अधिकारियों ने पत्राचार करके इसे घुमा दिया।
विधायक नीरज शर्मा द्वारा लगातार पत्रों के माध्यम से सरकार से इस 31 करोड रुपए की पेमेंट को जांच में शामिल करने बारे लिखा जा रहा था। उसी का परिणाम है कि सरकार ने 8 फरवरी 2023 को 31 करोड़ रूपए की पेमेंट जो सतबीर ठेकेदार को एक ही दिन में की गई इसको जांच में सम्मिलित करने के लिए डायरेक्टर जनरल स्टेट विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला को पत्र लिखा है।
विधायक नीरज शर्मा ने सरकार से मांग कि इस घोटाले में सरकार को रिकवरी की ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह पैसा फरीदाबाद की जनता का है और सरकार इस केस को जल्द से जल्द सीबीआई या ईडी को स्थानांतरित करें क्योंकि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है।