फरीदाबाद। बीके अस्पताल से बच्चा अपहरण के मामले में पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के निर्देश पर एसीपी क्राइम के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच एनआईटी प्रभारी नरेंद्र कुमार व उनकी टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिल्ली के सुल्तानपुरी एरिया से नवजात शिशु को बरामद कर दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एसीपी क्राइम अमन यादव ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक, अनीता तथा पूजा का नाम शामिल है। आरोपी दीपक तथा अनीता दिल्ली के रोहिणी के रहने वाले है और फरीदाबाद के भुआपुर में अनिता का ससुराल है तथा पूजा दिल्ली के किशन विहार एरिया के रहने वाली है। कल 12 सितंबर को एसजीएम नगर थाने में अपहरण की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें आरोपियों ने फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल बीके से एक दिन के नवजात शिशु का अपहरण किया था। फरीदाबाद निवासी सुनील कुमार अपनी पत्नी व मां के साथ रविवार रात करीब 10 बजे बीके अस्पताल पहुंचे और जहां महिला को भर्ती कराया गया। सोमवार सुबह करीब 3 बजे पत्नी ने बेटे को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद उसे रूम नंबर-103 में शिफ्ट कर दिया गया। सोमवार रात करीब 10 बजे एक महिला पीले रंग का सलवार सूट पहनकर आई और वार्ड में बैठ गई। पूछने पर उसने खुद को स्टाफ नर्स बताया और कहा कि शिफ्ट चेंज होने वाली है। रात में उसकी ड्यूटी है। इस पर किसी को शक नहीं हुआ। वह रातभर बच्चे को लेकर खिलाती रही। पीडि़त सुनील ने बताया कि पत्नी व मां को खाना खिलाने के बाद वह नीचे जाकर सो गए। सुबह करीब 6.45 बजे वह वार्ड में आए तो वह महिला भी बैठी थी। वह करीब 7 बजे वह मुंह धोने के लिए नीचे चले गए। इसी दौरान महिला ने मां से कहा कि बहू के कपड़े चेंज करा दो। हम बच्चे को देख रहे हैं। सास-बहू दोनों वॉशरूम चली गईं। इसी दौरान महिला बच्चे को तौलिए में लपेटकर फरार हो गई। सास-बहू जब वापस आई तो उन्हें बच्चा वहां पर नहीं मिला। उन्होंने आसपास तलाश किया परंतु उन्हें बच्चों की कोई जानकारी नहीं मिली जिसके पश्चात उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आसपास के 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए जिसमें सीसीटीवी कैमरे से पता चला कि बच्चा लेकर महिला पीछे के रास्ते अस्पताल परिसर से बाहर निकली और ऑटो में बैठकर फरार हो गई। महिला ने ऑटो को अजरौंदा मोड पर उतर गई। वहां से दूसरा ऑटो लिया बदरपुर बॉर्डर का लिया बॉर्डर पहुंचकर वहां से तीसरे में ऑटो ऑल इंडिया एम्स तक सफर किया। एम्स से एक और आटो मे बैठकर सुल्तानपुरी पहुंची। घटना को अंजाम देने और उसकी पहचान न हो सके, इसलिए उसने मास्क लगाकर सिर पर पल्लू रख रखा था। क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी के माध्यम से ऑटो चालक का पता लगाया और उससे पूछताछ की और उसके पश्चात तकनीकी व गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर दिल्ली के सुल्तानपुरी एरिया से नवजात शिशु को बरामद कर लिया और आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी दीपक की सूचना पर आरोपी अनीता तथा पूजा को बदरपुर बॉर्डर से आज गिरफ्तार किया गया। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि अनीता नामक महिला भुआपुर की रहने वाली है जिसने अपने पति को छोड़ रखा है अपने दोस्त दीपक के साथ दिल्ली में रह रही है। सरकारी अस्पताल में जच्चा-बच्चा वार्ड जहां गर्भवती महिलाओं को रखा जाता है उसी जगह आरोपी महिला पूजा रेकी कर रही थी। उन्होंने योजना बनाई थी कि जैसे ही कोई गर्भवती महिला की डिलीवरी होगी तो वह मौका देखकर बच्ची का अपहरण कर लेगी। आरोपी महिलाएं इससे पहले भी जच्चा बच्चा वार्ड में रैकी करने के लिए आई थी। सुनील की पत्नी की जब डिलीवरी हुई तो आरोपी महिला अनीता स्टाफ नर्स बनकर उनके परिजनों के साथ बैठी और मौका पाकर उसने शिशु का अपहरण कर लिया और मौके से फरार हो गई। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी इस बच्चे को आज 13 सितंबर सुबह आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के पास ज्योति नाम की एक महिला को डेढ़ लाख रुपए में बेचने वाले थे। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इस मामले में एक आरोपी देव उर्फ रविन्द्र भी शामिल है जो फरीदाबाद के नहरावली का रहने वाला है। वह महिलाओं को गाइड कर रहा था आरोपियों ने बताया कि पैसों के लालच में आकर उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया था। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को आज अदालत में पेश करके पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है पुलिस रिमांड के दौरान अन्य आरोपियो के बारे में पूछताछ की जाएगी आरोपी देव और ज्योति को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।