फरीदाबाद। आजकल तकनीकी के दौर में टेक्नोलॉजी का सदुपयोग के साथ-साथ दुरुपयोग भी किया जा रहा है। जिसमें साइबर ठग तकनीकी का गलत उपयोग कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। जिनके मामले फरीदाबाद में भी सामने आ रहे हैं ऐसे ही एक मामले में 80 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर 33,56,088 रुपए का फ्रॉड किया गया। मामले में कार्रवाई करते हुए थाना साइबर एनआईटी की टीम ने 5 आरोपियों को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में अंशुल मलिक वासी गांव नांगल खेडी जिला पानीपत, टिन्कू व मोहित वासी गांव भण्डारी जिला पानीपत, आशु वासी गांव बादली, विशाल वासी गांव रायचन्दवाला जिला जींद का नाम शामिल है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सेक्टर 22 में रहने वाले एक 80 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने साइबर थाना एनआईटी में अपनी शिकायत दी, जिसमें बताया कि वह एक प्राइवेट नौकरी से सेवानिवृत्त है। 9 जनवरी को उसके फोन पर एक कॉल आया, कॉल करने वाले ने बताया कि उसके मोबाइल की सेवाएं अगले 2 घंटे के लिए बंद हो जाएगी। शिकायतकर्ता ने कारण पूछा तो उसने बतलाया कि बॉम्बे तिलक नगर पुलिस स्टेशन में शिकायतकर्ता के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें हैं। इसके बाद उसने शिकायतकर्ता को बताया कि वह कमरे में बैठा हुआ है और आरबीआई आपके मनी ट्रांजैक्शन को चेक करना चाहता है। इसलिए जैसा वह कह रहा है आप वैसे ही करें, फिर ठग ने पूछा कि बैंकों में कितनी एफडी है। ठग के पास पहले से ही बैंक डिटेल थी। जिसके माध्यम से शिकायतकर्ता के साथ 33 लाख 56 हजार 88 रुपए की ठगी हुई। जिस शिकायत पर साइबर थाना एनआईटी में मामला दर्ज किया गया।
आरोपी टिन्कू से पूछताछ में सामने आया कि वह अकांउट होल्डर है जिसके खाते में फ्राड के 9,00000 रूपए आए थे जिसका अकांउट उसके गांव के साथी आरोपी मोहित ने खुलवाया था। टींकू ने खाते को 30000 रूपए में मोहित को बेच दिया था। मोहित ने खाते को विशाल को 100000 रूपए में बेचा था। मोहित ने खाते को 150,000 रूपए में किसी अन्य व्यक्ति बेचा था। आरोपी अंशुल और आशु ने चैक के माध्यम से खाते से पैसे निकालकर मोहित को दिए थे। जिसने अन्य आरोपी को पैसे दे दिया था। आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेजा गया है। मामले में शामिल अन्य आरोपियो की तलाश जारी है।